
अशोकनगर: पीएम विश्वकर्मा योजना कारीगरों के कौशल का उन्नयन करने के लिए प्रभावी होगी। साथ ही कौशल को बढ़ावा दिया जाकर कारीगरों के जीवन को सशक्त बनाया जायेगा। यह बात कलेक्टर श्री सुभाष कुमार द्विवेदी ने शुक्रवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में आयोजित प्रधानमंत्री विश्वकर्मा योजना के संबंध में आयोजित कार्यशाला के अवसर पर कही।
इस अवसर पर कलेक्टर ने कहा कि विभिन्न समाजों के शिल्पीकार पीएम विश्वकर्मा योजना का लाभ ले सकेगें। इस योजना के अंतर्गत 18 ट्रेड चयनित किये गये है। इन चयनित ट्रेडों के तहत कारीगरों कॉमन सर्विस सेंटर पर नि:शुल्क पंजीयन कराया जायेगा। उन्होंने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना से समाज के विभिन्न वर्गो को लोगों को लाभ मिलेगा।साथ ही रोजगार के द्वार खुलेगें और अन्य लोगों को भी रोजगार मिल सकेगा। अपने पारम्परिक कार्य को कुशलतापूर्वक करने में मदद मिलेगी। जिससे आर्थिक स्थिति में सुधार होगा। उन्होंने योजनान्तर्गत किये जाने वाले पंजीयन की सतत मॉनीटरिंग कराये जाने की बात कही।
कार्यशाला में मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत डॉ.नेहा जैन ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना के अंतर्गत कारीगरों का पंजीयन कर उनके हुनर को बढ़ावा देना है। पारम्परिक व्यवसाय के लिए शासन द्वारा 15 हजार रूपये की किट प्रदान की जायेगी। साथ ही प्रशिक्षण एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जायेगा। इसके साथ ही प्रारंभिक तौर पर एक लाख रूपये तथा उसके पश्चात दो लाख रूपये का ऋण बैंको के माध्यम से पॉच प्रतिशत ब्याज दर से उपलब्ध कराया जायेगा।
कार्यशाला में एमएसएमई भारत सरकार विकास कार्यालय इंदौर से पधारे सहायक निदेशक शरद कुमार रावत ने पीएम विश्वकर्मा योजना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह योजना प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा 18 ट्रेडों के कारीगरों के जीवन में बदलाव लाने के लिए लागू की गई है। विभिन्न समाजों के शिल्पियों की कला को निखारने और आगे बढ़ाने के लिए यह योजना काफी कारगर सिद्ध होगी।
कार्यशाला में एमएसएमई भारत सरकार विकास कार्यालय इंदौर से पधारे सहायक निदेशक श्रीमती अनुज्ञा हंडु ने कहा कि पीएम विश्वकर्मा योजना स्थानीय कारीगरों के हुनर को परखने तथा उनकों प्रोत्साहित करने के लिए प्रभावकारी सिद्ध होगी। उन्होंने योजना के संबंध में विस्तार से जानकारी देते हुए प्रत्येक पहलूओं पर प्रकाश डाला। साथ ही उपस्थित कारीगरों से संबंधित योजना के संबंध में प्रश्नों के जबाव लिये तथा सही जबाव देने वाले को पुरूस्कार देकर सम्मानित किया गया।
कार्यशाला में महाप्रबंधक जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र प्रकाश कुमार इंदौरे ने पीएम विश्वकर्मा के बारे में विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना जिले में प्रभावी ढंग से लागू होगी और इसका लाभ पात्र कारीगरों को मिल सकेगा। उन्होंने विभिन्न समाजों के शिल्पीकारों से आव्हान किया कि वे अधिक से अधिक योजना के अंतर्गत पंजीयन करायें और इस योजना का लाभ लें।
कार्यशाला में बताया कि योजना में जिला स्तर पर बढ़ई, लोहार, सुनार जैसे शिल्पकारों और कारीगरों का कौशल सत्यापन किया जाएगा। आवश्यकतानुरूप इन्हें प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। प्रशिक्षण में हर दिन 500 रुपये का स्टाइपेंड मिलेगा। प्रशिक्षण एवं कौशल सत्यापन के बाद इन्हें पीएम विश्वकर्मा प्रमाण-पत्र दिया जाएगा। हर लाभार्थी को 15 हजार रुपए टूल-किट के लिए दिए जाएंगे। अपना व्यवसाय प्रारम्भ करने या बढ़ाने के लिए आसान ऋण सुविधा दी जाएगी। पहले चरण में 5% की दर से एक लाख रुपए का कोलेटरल-फ्री ऋण, दूसरे चरण में तीन लाख रुपए का ऋण प्रावधान है। कारीगर की न्यूनतम आयु 18 वर्ष होना चाहिये। योजना का लाभ प्रत्येक परिवार के एक सदस्य तक ही सीमित रहेगा। सरकारी सेवा में कार्यरत कोई भी व्यक्ति या उसके रिश्तेदार पात्र नहीं होंगे।
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