
मुंगावली: नगर के अतिप्राचीन बूढ़े बालाजी मन्दिर पर चल रही श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन भगवान श्रीकृष्ण और रुकमणी का विवाह संपन्न हुआ जिसमें श्रद्धालुओं ने पैर पखार कर धर्म लाभ लिया और भगवान के भजनों पर श्रद्धालु जमकर नाचे। इससे पहले व्यास पीठ से व्रदावन धाम से पधारे पंडित अंकित तिवारी जी महाराज ने महारास का प्रसंग सुनाते हुए बताया की
आज कल लोग महारास को गलत दृष्टि से देखते हैं जबकि ऐसा नहीं है जीवात्मा और परमात्मा का मिलन ही महारास है तथा
भगवान श्री कृष्ण ने किस तरह कंस चाणूर और मुुष्टिक आदि दैत्यों को मार कर उग्रसेन को मथुरा का राजा बनाया एवं इसके साथ ही कॄष्ण रुकमणी विवाह पर भी प्रकाश डाला । इस दौरान इस कृष्ण रुकमणी विवाह के लिए संकट मोचन समिति द्वारा सभी भक्तो को बेहतर ढंग से श्रीजी के दर्शन हो सकें इसके लिए व्यवस्थित व्यवस्था की गई थी।